समतावादी न्यायप्रिय, अग्रसेन महाराज। खुशहाली चहुँओर थी, न्यारा था वो राज। समतावादी न्यायप्रिय, अग्रसेन महाराज। खुशहाली चहुँओर थी, न्यारा था वो राज।
प्रिय मेरे.............. प्रिय मेरे..............
आज कल की दोस्ती पैसे से मजबूत होती है दिल तो खिलौना है एक साथ पल गुज़ारना तो बहाना है...।। आज कल की दोस्ती पैसे से मजबूत होती है दिल तो खिलौना है एक साथ पल गुज़ारना तो...
मैं खुद को अब आईने में पहचान नहीं पाती। मैं खुद को अब आईने में पहचान नहीं पाती।
तुम बने दिया मैं बाती रे ओ साथी रे, ओ साथी रे। तुम बने दिया मैं बाती रे ओ साथी रे, ओ साथी रे।
प्रिय तुम्हारे मन में बसी हुई हूं इतना तुम निभा जाओ प्रिय तुम्हारे मन में बसी हुई हूं इतना तुम निभा जाओ